My Nation is my Pride...
Hi friends...
Please read the poem that I had written for my country on 26th Jan 2010. You are kindly requested to post your precious comments over here. It's my heartly try present the best.
Thank you for your kind support to me.
"MY NATION IS MY PRIDE"
Jay Hind...!
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
खुदको मिटा देंगे, अपनों को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
फ़र्ज़ को हमारे, दिल से निभाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
क़र्ज़ को हमारी, जाँ से उतारेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दिल में उठे दर्दों को भूलेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
चारों ओर आंग में रहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
सपने चुनेंगे और निभाएँगे...ऐ वतन तेरे लिये...;
दुश्मन को भी भाई कहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
भाई को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
खुद खून के आंसू रोएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
सब को खुशी के समंदर के नहलाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
जाँ को हमारी जाँबाज़ बनाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दिल को हमारे पत्थर बनाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
होली नहीं, दीपावली नहीं...नहीं खेलेंगे ईद...
अपनों के साथ - साथ त्योहारों को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दीन क्या...? रात क्या...?
ऐ वतन तेरे लिये...;
दीन मै लड़ेंगे, रात मै लड़ेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
नींद आई तो हमेशा के लिए सोएँगे,
ऐ वतन तेरे लिए...;
वक़्त आया तो साँसे भी रोकेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
आखरी दम तक लड़ते रहेंगे,
ऐ वतन तेरे लिए...;
आगे ही आगे बढ़ते रहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
-Amit Shah
26th January 2010
Please read the poem that I had written for my country on 26th Jan 2010. You are kindly requested to post your precious comments over here. It's my heartly try present the best.
Thank you for your kind support to me.
"MY NATION IS MY PRIDE"
Jay Hind...!
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
खुदको मिटा देंगे, अपनों को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
फ़र्ज़ को हमारे, दिल से निभाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
क़र्ज़ को हमारी, जाँ से उतारेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दिल में उठे दर्दों को भूलेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
चारों ओर आंग में रहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
सपने चुनेंगे और निभाएँगे...ऐ वतन तेरे लिये...;
दुश्मन को भी भाई कहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
भाई को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
खुद खून के आंसू रोएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
सब को खुशी के समंदर के नहलाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
जाँ को हमारी जाँबाज़ बनाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दिल को हमारे पत्थर बनाएँगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
होली नहीं, दीपावली नहीं...नहीं खेलेंगे ईद...
अपनों के साथ - साथ त्योहारों को भी भूला देंगे...
ऐ वतन तेरे लिये...;
दीन क्या...? रात क्या...?
ऐ वतन तेरे लिये...;
दीन मै लड़ेंगे, रात मै लड़ेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
नींद आई तो हमेशा के लिए सोएँगे,
ऐ वतन तेरे लिए...;
वक़्त आया तो साँसे भी रोकेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
आखरी दम तक लड़ते रहेंगे,
ऐ वतन तेरे लिए...;
आगे ही आगे बढ़ते रहेंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
दिल दिया है, जाँ भी देंगे...
ऐ वतन तेरे लिए...;
-Amit Shah
26th January 2010
|