Central government may reveal 51 names of other black money holders
काले धन को लेकर सियायत गर्माती जा रही है। सरकार ने सोमवार को हलफनाम दायर कर सुप्रीम कोर्ट में आठ नामों का खुलासा किया था। इस मामले में अदालत में मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। सूत्रों की मानें, तो केंद्र सरकार ने काले कुबेरों की एक दूसरी सूची भी तैयार की है।
एक निजी चैनल की रिपोर्ट में बताया गया कि इस सूची को मंगलवार को अदालत में सौंपा जा सकता है, जिसमें दक्षिण भारत के दो पूर्व सांसद सहित 51 नाम शामिल हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी चुन-चुन कर नाम सामने ला रही है। इससे उसकी मंशा पर सवाल उठाना लाजिमी है। उधर, भाजपा का कहना है कि केंद्र सरकार चुनाव के पहले किए गए अपने वादे को पूरा कर रही है। इसके तहत काले कुबेरों के नाम सामने लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि सोमवार को सरकार ने डाबर ग्रुप के प्रदीप बर्मन, राजकोट के सराफा कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढिया और गोवा की खनन कंपनी टिंब्लो प्रा.लि. व उसके पांच निदेशकों के नाम जाहिर किए थे। इनमें राधा सतीश टिंब्लो, चेतन टिंब्लो, रोहन टिंब्लो, एना टिंब्लो और मल्लिका टिंब्लो शामिल हैं।
सरकार ने कोर्ट से कहा है कि विदेशी बैंकों में खाता खुलवाना गैरकानूनी नहीं है। सभी खाते अवैध नहीं हैं। जिन मामलों में कर चोरी का केस बना है उनके नाम बताए गए हैं। आगे भी ऐसा ही किया जाएगा। प्राइवेसी के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उधर, भाजपा के ही सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के रुख पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और जर्मनी ने खुद कालाधन रखने वाले 700 लोगों की सूची सौंपी है। सरकार चाहे तो सबके नाम बता सकती है। फिर भी नहीं बता रही तो मुझे नहीं पता क्या सोचकर ऐसा कर रही है।
Source: News in Hindi and Newspaper
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