Mayawati's new stunt !
अब मायावती जी से कोई यह पूंछे क़ि यह कौन सी बात हुई , वह यह भलीभांति जानती हैं क़ि उनकी पार्टी बसपा का , स्थानीय निकाय के चुनावों में और भी बुरा हाल होने जा रहा है .कौन नहीं जानता क़ि उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद भी उनकी सरकार ने स्थानीय निकाय के चुनावों में हर कदम प़र अड़ंगे लगा कर चुनाव नहीं होने दिए थे , सिर्फ इस आशंका के कारण क़ि बसपा स्थानीय निकाय के चुनाव में अपनी हार की आशंका से बुरी तरह त्रस्त थी .
चुनावों में सत्ताधारी दल द्वारा हेर फेर किये या कराये जाने के आरोप हमेशा लगते रहें है प़र सत्ताधारी दलों की करारी हार ने ये बार बार साबित कर दिया कि ऐसे आरोप बेबुनियाद ही निकलते हैं .
खास बात यह कि मायावती जी खुद सत्ता में रहते हुये मतदाताओं द्वारा ठुकरा दी गयी ,.अगर सत्ताधारी दल के पास गड़बड़ी कर क्गुनव जीतने की जादू की छड़ी होती तो वह क्यूँ नहीं चुनाव जीत गयीं ?
सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ के लिए थोथे बहाने बना कर चुनाव न लड़ने की बात कर एक स्टंट के सिवाय और कुछ नहीं है .
हाँ इससे वह अपने समर्थकों को कुछ समय के लिए बरगला ज़रून सकतीं हैं , किन्तु इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है .इस तरह का बयान जारी कर उनहोंने मात्र अपनी संकुचित राजनीति को ज़रूर उजागर कर दिया है की वह किस हद तक नीचे गिर सकतीं है . इस तरह का स्टंट ये बताता है कि लोकतंत्र में उनकी आस्था किस हद तक कमज़ोर है .
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